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विस्तार : सीक्रेट ऑफ डार्कनेस (भाग : 42)





"युगों पूर्व जब समस्त ब्रह्मांड पर अंधकार का एकक्षत्र राज्य था। अंधेरे ने अपने हर एक सेवक को विशेष क्षेत्र दिए, जहां वह अंधेरे की इच्छानुसार शासन स्थापित कर सके, जो अंधेरे की अनन्य भक्ति कर सकें। अंधेरे की शासन व्यवस्था, आज के शासन व्यवस्था से भी भी बहुत अधिक सुव्यवस्थित एवं सुचारू रूप से चलायमान थी। तब अंधकार में ही सभी गुण निहित थे, पर पता नही क्यों धीरे-धीरे अंधकार कम होता चला गया, जैसे अंधकार पर किसी अन्य ने अपना कब्जा जमा लिया हो या फिर अब कोई था जो अंधेरे के निर्णयों को।प्रभावित कर रहा था। सत्य यही था क्योंकि उसके कुछ वर्षों बाद ही उजाले का जन्म हुआ और अंधकार ने भी अपने नियम बदल दिए।

उस समय पृथ्वी पर अंधकार का शासक, अंधेरे का परमभक्त 'स्याहवींनिम' था, उसके तीन पुत्र थे जिसमें सबसे योग्य शासक छोटा पुत्र 'डार्क प्राइम' था। डार्क-प्राइम अंधेरे का परमभक्त सीधे शब्दों में कहें तो अंधभक्त था, उसे इस बात का बिल्कुल भी यकीन नही हुआ कि अंधेरे ने स्वयं ही अपने पांव समेट लिए है इसलिए वह अंधेरे के इस कार्य के विरोध में खड़ा हुआ। परन्तु तब तक देर हो चुकी थी, उजाले का शासन स्थापित हो चुका था, जीवन की शुरुआत हो चुकी थी इसलिए अब अंधकार का शासन उजाले की दुनिया से अलग एक समानांतर दुनिया में छिपकर चलने लगा। डार्क प्राइम कुछ न कर सका वह केवल अफसोस जताता रहा, इसी कारण वह अपने राज्य से बाहर चला गया वर्षों बाद उसे ख्याल आया कि वह वापस जाकर अपने राज्य का कार्यभार संभालेगा और उसके बाद उजाले की इस दुनिया को जीतकर दिखायेगा। उसने वापिस आकर देखा तो सत्ता बड़े भाई के हाथों में थी जो उसकी दृष्टि में सबसे नकारा था, उसका मझला भाई उसका सेवक बन चापलूसी करता रहता।

यह देख डार्क प्राइम से रहा नही गया उसने उनकी अनीति का विरोध किया, क्योंकि वही स्याहवींनिम का चुना गया उत्तराधिकारी था परन्तु उसके भाइयों ने धोखे से वह अधिकार हड़प लिया था। डार्क प्राइम पहले ही उजाले द्वारा जमाये अनैतिक आधिपत्य से खफ़ा चल रहा था, जिस कारण अंधेरे को अपना शासन यहां स्थापित करना पड़ा। उसके दोनों भाइयों के इस कृत्य ने उस आग में घी डालने का काम किया।

उसने उन दोनों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। परन्तु अब उनके पास सत्ताबल भी थी और अब डार्क प्राइम का रास्ता आसान नही होने वाला था वह अकेले ही सम्पूर्ण राज्य से लड़ गया। डार्क प्राइम के इस हरकत के कारण अंधेरे की दुनिया में हलचल मच गई, इसका प्रभाव उजाले की दुनिया में न पड़े इसके लिए अंधेरे ने 'डार्क फेयरीज़' को नियुक्त किया। इससे शक्ति तो नियंत्रित हुई और डार्क प्राइम को मुँह की खानी पड़ी।

डार्क प्राइम हार तो चुका था परन्तु हार माना नही था। क्रोध की अग्नि में जल रहे डार्क प्राइम का हृदय झुलस रहा था, उसे अंधकार  को पुनः सम्पूर्ण ब्रह्मांड पर आधिपत्य जमाकर एकक्षत्र राज्य करते हुए देखना था। अंधेरे के इस निर्णय से डार्क प्राइम बहुत अधिक दुखी हुआ, वह जाकर अपने अंदर की शक्तियों को जगाने का प्रयत्न करने लगा।

डार्क प्राइम एक ऐसा दुर्लभ स्याह जीव था, जो अंधेरे के शासन का उत्तराधिकारी होने के साथ ही प्रकृति की शक्तियों का स्वामी भी था। उसने पहले कभी डार्क-नेचर पावर का प्रयोग नहीं किया था, इसलिए वे शक्तियां सुप्त अवस्था में ही मौजूद थी।

डार्क प्राइम अपनी इन शक्तियों से सर्वथा अनभिज्ञ था, सदियों के तपस्या के बाद उसके अंदर अग्नि तत्व जागृत हुआ। वह कई सालों तक तप करता रहा, धीरे-धीरे धरती पर क्रमिक विकास के चरण में मानवों का विकास होना आरम्भ हो चुका था। डार्क प्राइम के अंदर ऐसी शक्ति जागृत हुई जो उजाले की दुनिया में जीवन से उत्सर्ग प्राप्त कर चुका हो उसे अंधेरे की दुनिया में ले आये और उसे उसका सेवक बना दे, जिन्हें लोगो ने भूत-प्रेत का नाम दे दिया। समय के साथ ही उसके भीतर प्रकृति की शक्तियां जागृत हो गयी।

अब तक डार्क प्राइम के पास इतनी शक्ति हो चुकी थी कि वह अकेले ही उन

सभी का सामना कर सके, उसने अंधेरे के राज्य में कदम रखते ही युद्ध का ऐलान कर दिया परन्तु तब तक परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी थी, अब अंधेरे का कोई शासक न था। आये दिन सभी में छिटपुट लड़ाइयां होती रहती, डार्क प्राइम से अनभिज्ञ अंधेरे के योद्धाओं ने उसके खिलाफ युद्ध का बिगुल बजा दिया।

'मेराण' अंधेरे का अत्यधिक शक्तिशाली एवं बुद्धिमान जीव था वह डार्क प्राइम के बारे में थोड़ा बहुत जानता था। वह डार्क प्राइम के विचारों से अत्यधिक प्रभावित हुआ, वह जानता था कि डार्क प्राइम का सामना कर पाना सरल नही है इसलिए उसने उसकी ओर मित्रता का हाथ बढ़ाया। डार्क प्राइम अपने जैसे मिलते विचार के योद्धा को पाकर प्रसन्न हुआ।"

कहते हुए डार्क लीडर ने एक लंबी सांस ली, उसकी लपटें शान्त थीं, चेहरे पर कोई भाव न था।

"एक मिनट! ये किसकी कहानी सुना रहे हो तुम?" सुपीरियर लीडर, डार्क लीडर को देखते हुए हैरानी से बोला।

"यह कहानी उस योद्धा की है जिसे तुम सब भूल चुके हो सुपीरियर लीडर! वो जो इस अंधकार के राज्य का वास्तविक उत्तराधिकारी है।" डार्क लीडर ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा।

"इस कहानी में मेराण कहाँ से आ गया?" वीर हैरान था, उसे समझ नही आ रहा था कि डार्क लीडर यह सब कैसे जानता है, एक पल को उसे लगा डार्क लीडर ही डार्क प्राइम है।

"ये कहानी तुम्हारी हर कहानी की तरह झूठ में सनी हुई नही है वीर! सदियों बाद यह अवसर आया है जब अंधकार के वास्तविक शासक के अवतरित होने का समय आया है।" डार्क लीडर ने विचित्र तरह से मुस्कुरा कर कहा। वीर हैरान था परन्तु उसका क्रोध अभी भी कायम था, परन्तु वह सही समय का इंतज़ार कर रहा था।

"बिल्कुल ठीक कहा! देखो अंधेरे का शासक तुम्हारे समक्ष खड़ा है।" वीर ने कहा, जिसपर डार्क लीडर ने उसे घूरती हुई आंखों से देखा।

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विस्तार की आँखे भयानक तरीके से जल उठी थी, जिस कारण कुछ अधिक ही चमक रही थी। ओमेगा चिन्ह भी बहुत तेजी से दीप्तित हो रहा था, जिसके प्रकाश ने ग्रेमाक्ष की आँखे बंद ही कर दी थी। विस्तार का चेहरा भयंकर नजर आ रहा था। ग्रेमाक्ष यह देखकर एक पल को हैरान रह गया अचानक उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गयी।

"तेरी इन जलती आँखों से मेरा कुछ नही होगा विस्तार!" ग्रेमाक्ष, विस्तार को चिढ़ाने के अंदाज़ में बोला।

"आँखों की आग को नही उस आग को देखो जिसे तुमने लगाई है! जिसमे जलकर विस्तार की दुनिया खत्म हो गई! तुम अपनी मृत्यु से नही भाग सकते ग्रेमाक्ष!" विस्तार, ग्रेमाक्ष की ओर लपका। ग्रेमाक्ष ने वायु की शक्ति से चक्रवात बनाकर उसे पीछे धकेल दिया, विस्तार दूर जाकर गिरा।

"सिर्फ बातें बड़ी करने से कुछ नही हो जाता है विस्तार! बड़ा दिखने के लिए बड़ा करना पड़ता है।" एक विशाल नुकीला भूमिखंड विस्तार की ओर फेंकते हुए ग्रेमाक्ष बोला। विस्तार ने अपनी तरफ आ रहे उस भूमिखंड के नुकीले सिरे से पीछे हटकर बचते हुए एक जोरदार मुक्का मारा वह चट्टान वही बिखरकर रह गई। विस्तार के हाथों में स्याहियां नृत्य कर रही थीं।

"कोई और शक्ति आजमानी हो तो आजमां ले ग्रेमाक्ष!" विस्तार अपनी सम्पूर्ण गति से ग्रेमाक्ष की ओर बढ़ा। ग्रेमाक्ष उसे अपने वायु चक्रवात से रोकने की कोशिश करता है परंतु विस्तार चक्रवात की उल्टी दिशा में घूमकर उस वार को असफल कर आगे बढ़ा।

"अभी तो मेरी शक्तियों का नमूना मात्र देखा है विस्तार!" अचानक उस स्थान पर गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ने लगा, विस्तार को अपना शरीर भारी लगने लगा जिस कारण वह उड़ नही पा रहा था। ग्रेमाक्ष तक पहुंचने से पहले ही वह किसी परकटे पंछी की भांति नीचे गिरते हुए चट्टान से टकराया, जिससे उस चट्टान के टुकड़े हो गए।।

"तुमने ठीक कहा था मैंने जल की शक्तियों का प्रयोग नही किया था परन्तु अब तुम्हारे पास कोई मार्ग शेष न होगा सिवाय मृत्यु के!" विस्तार जिस चट्टान पर गिरा हुआ था वहाँ अभी भी धूल उड़ रही थी, अचानक वह हवा में उठने लगी, उसके चारों ओर जल की तीक्ष्ण मोटी धारा चक्र के समान गोल-गोल घूमने लगी। उसके बाहर वायु का मोटा खोल बन गया था। वायु के बढ़ते दबाव के कारण विस्तार की चीखें निकल जा रही थी। थोड़ी ही देर में विस्तार की चीखें बन्द हो गयी, कुछ देर तक चारों ओर सन्नाटा छाया रहा, फिर ग्रेमाक्ष की अट्ठहास गूंजने लगी।

"तुम ग्रेमाक्ष के समक्ष कुछ भी नही हो विस्तार!" कहते हुए ग्रेमाक्ष जोरदार ठहाका लगा रहा था।

"बिल्कुल ठीक कहा तुमने!" विस्तार का स्वर गूँजा। वह स्वतंत्र हो चुका था।

"तुम स्वतंत्र कैसे हो सकते हो?" ग्रेमाक्ष हैरान था, उसे अपनी आँखों पर विश्वास नही हो रहा था।

"तुमने मुझे कैद ही कब किया था?" विस्तार ने मुस्कुराकर कहा। ग्रेमाक्ष हैरान था कि उसने फिर किसे कैद किया और विस्तार की चीखें भी सुनाई दे रही थी।

"वे चीखे तो बस तुम्हें भटकाने के लिए थी ग्रेमाक्ष!" इससे पहले ग्रेमाक्ष ध्यान देकर सुरक्षा कवच बना पाता विस्तार कि 'बूम रे' ने उसके सिर को उड़ा दिया।

"ये काम इतना भी मुश्किल न था! पर ये अंधेरा छिट क्यों नही रहा, और ये वीर और डार्क लीडर कहा गए सब?" विस्तार दूसरी ओर घूमकर काले आकाश को देखते हुए बोला।

"अपनी मृत्यु से इतना भय विस्तार! कम से कम एक बार जाँच तो लेते!" विस्तार के पीछे से भयानक स्वर उभरा, इससे पहले विस्तार कुछ कर पाता ग्रेमाक्ष के चमकते सींगों से निकली शक्तिशाली ऊर्जा के वार ने उसे दूर ला पटका।

"तुम कोई नायक नही हो विस्तार! तुम भी इसी स्याह शक्ति से बने हो, फिर इतने अंजान कैसे हो?" ग्रेमाक्ष उसपर लगातार वार करता रहा, वातावरण में विस्तार की चीख गूंज रही थी। ग्रेमाक्ष इस समय स्वयं शैतान का अवतार नजर आ रहा था, विस्तार स्वयं को बचाने में पूरी तरह असफल हो रहा था।

क्रमशः... 

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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

05-Oct-2021 04:58 PM

Nice

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Shalini Sharma

02-Oct-2021 09:31 AM

Nice

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